इस साल 25 जुलाई और 2 अगस्त सिर्फ दो डेट्स नहीं हैं — ये वो पल हैं जब दो फिल्में आमने-सामने आने वाली हैं, और फैंस के दिलों में भूचाल आने वाला है। एक तरफ है वॉर 2, यशराज की सबसे बड़ी फ्रैंचाइज़ी की अगली कड़ी, और दूसरी तरफ है कूली, जो तमिल सिनेमा से निकलकर हिंदी बेल्ट को सीरियसली चैलेंज कर रही है। लेकिन टक्कर सिर्फ फिल्मों की नहीं, सोच और प्रेजेंटेशन की भी है।
शुरुआत करते हैं कूली से — एक ऐसी फिल्म जिसे पहले कोई गंभीरता से नहीं ले रहा था। जब अनाउंसमेंट हुआ तो नॉर्थ इंडिया में उसका हाइप लगभग जीरो था। लेकिन जब इसने 2 अगस्त की रिलीज डेट फिक्स की — यानी ठीक वॉर 2 के एक हफ्ते बाद — पूरा गेम बदल गया। इसके बाद जो रणनीति अपनाई गई वो बिल्कुल मास्टरस्ट्रोक थी। आमिर खान की एंट्री, क्रिएटिव पोस्टर्स, और छोटे-छोटे टीज़र क्लिप्स ने लोगों को धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से जोड़ना शुरू कर दिया।
अब बात करें वॉर 2 की, तो मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बहुत ही पारंपरिक लग रही है। एक छोटा सा टीज़र और कुछ सिंपल पोस्टर्स — जिससे एक्साइटमेंट उस लेवल तक नहीं पहुंच पा रही है, जैसी कि उम्मीद थी। इतने बड़े स्टार्स, डायरेक्टर और यूनिवर्स के बावजूद अगर ट्रेलर एक्सपेक्टेशन पर खरा नहीं उतरा तो 2025 की सबसे बड़ी चूक हो सकती है।
कूली के म्यूजिक की बात करें, तो मोनिका गाना एक तूफान बनकर आया। तमिल भाषा समझ न आने के बावजूद उसके बीट्स और पूजा हेगड़े का लुक इतना स्ट्रॉन्ग था कि नॉर्थ बेल्ट में भी गाना वायरल हो गया। और जब फिल्म का टाइटल “कूली: द पावर हाउस” अनाउंस हुआ, तो ये साफ हो गया कि फिल्म मेकर्स हिंदी मार्केट को 100% टारगेट कर रहे हैं।
अब ज़रा उस सीन को याद कीजिए जहां ब्लैक एंड वाइट थीम में गोल्डन एलिमेंट्स को हाईलाइट किया गया — रजनीकांत का वो लुक, जिसमें बिना किसी डायलॉग के ही स्क्रीन पर आग लग रही थी। लोकेश कनगराज की क्रिएटिविटी को देखकर लगता है कि उन्होंने साउथ से निकलकर पूरे इंडिया का ध्यान खींचने की ठान ली है। और हां, गाने में सिर्फ म्यूजिक नहीं था, एक्शन सीन्स की झलक भी थी — जो ये बताती है कि कूली सिर्फ मसाला नहीं, बल्कि एक नो-नॉनसेंस सिनेमा है।
अब आते हैं असली सवाल पर — किसकी भिड़ंत ज़्यादा दमदार है? वॉर 2 का एनटीआर बनाम ऋतिक रोशन या फिर कूली का आमिर खान बनाम रजनीकांत? सच कहें तो वॉर 2 का ट्रेलर अभी नहीं आया, लेकिन जो टीज़र देखा गया उसमें वो पंच नहीं दिखा। वहीं दूसरी तरफ, कूली के सिर्फ लुक्स और मूव्स से ही लोगों के बीच एक्साइटमेंट पीक पर है।
कुछ हफ्ते पहले तक जो फिल्म एक्सपर्ट्स कूली को “डिजास्टर इन द मेकिंग” बता रहे थे, आज वही लोग सोशल मीडिया पर उसके पोस्ट शेयर कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ तो अपने राय भी बदल चुके हैं। ये कूली की सबसे बड़ी जीत है — कि उसने खुद को प्रूव किया है अपने काम से, सिर्फ नाम से नहीं।
और जो लोग LCU – Lokesh Cinematic Universe के फैन हैं, उन्होंने कूली में लियो का एक संदिग्ध रेफरेंस भी ढूंढ़ निकाला है। भले ही 99% यह फिल्म उस यूनिवर्स का हिस्सा ना हो, लेकिन अगर 1% भी कनेक्शन निकल आया — तो यह बॉक्स ऑफिस पर सुनामी ला सकती है।
अब सबकी नज़रें टिकी हैं 25 जुलाई को आने वाले वॉर 2 के ट्रेलर पर। ये करो या मरो पल होगा। और फिर 2 अगस्त को आएगा कूली का ट्रेलर — और तब तय होगा असली विनर।
तो अब ईमानदारी से बताइए…
आप किसके लिए सबसे ज़्यादा एक्साइटेड हैं — रजनीकांत का “कूली” या ऋतिक-एनटीआर की “वॉर 2”?