digital leader सत्य नडेला जी के बारे में ।
digital leader सत्य नडेला जी के बारे में क्या आपने कभी सोचा है? एक मिडिल क्लास लड़का हैदराबाद से निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ कैसे बन गया? यह कहानी है सातिया नदिल्ला की। वह पैदा हुए 1967 में हैदराबाद में। पापा थे सरकारी अफसर मां संस्कृत की टीचर। बचपन से पढ़ाई में एवरेज थे। लेकिन एक चीज हमेशा उनसे अलग करती थी। सीखने की भूख। उन्होंने कहा था मैं कभी टॉपर नहीं था लेकिन मैं लगातार सीखता रहा और यही शुरुआत थी उस सफर की जो दुनिया बदल देगा। सत्य नडेला ने इंजीनियरिंग की थी मैनपल इंस्टट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से लेकिन उनका

सपना था दुनिया की टॉप टेक्नोलॉजी सीखना। उन्होंने अमेरिका में एडमिशन लिया। यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉनसिन मिलवॉकी में कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स किया और बाद में एमबीए भी यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से। उन्होंने खुद कहा था टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट दोनों में डिग्री होना ही मेरी ताकत बना और यही सोच उन्हें लेकर गई सीधे माइक्रोसॉफ्ट के दरवाजे तक साल था 1922 सत्य नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन किया एक इंजीनियर के रूप में शुरू में कोई उन्हें जानता नहीं था पर उनकी मेहनत ने सबका ध्यान खींचा क्लाउड कंप्यूटिंग पर उन्होंने काम शुरू किया जो उस समय एक नया और रिस्की आईडिया था लेकिन उन्होंने साब साबित कर दिया कि वह सिर्फ टेक्निकल नहीं विजनरी भी हैं। माइक्रोसॉफ्ट एजर को उन्होंने खड़ा किया जो आज करोड़ों डॉलर की क्लाउड सर्विस है और यह सब हुआ सीखते रहने, मेहनत करने और हर चुनौती को चांस में बदलने से। साल 2014 माइक्रोसॉफ्ट का वक्त खराब चल रहा था। Windows की ग्रोथ रुकी थी। Apple और Google बाजार पर राज कर रहे थे। तब माइक्रोसॉफ्ट ने एक चौंकाने वाला फैसला किया। सत्य नदेला को बना दिया सीईओ। बहुत लोगों ने सवाल उठाए क्या यह इंडिया से आया इंसान कंपनी को बचा पाएगा? पर सत्य ने जवाब काम से दिया। उन्होंने कहा हमारा फोकस Windows नहीं फ्यूचर होना चाहिए और फिर शुरू हुआ Microsoft का नया दौर। Lindin GitHub जैसी कंपनियां खरीदी गई। AI और क्लाउड में बड़ा इन्वेस्ट हुआ और माइक्रोसॉफ्ट दोबारा चमक उठा। वीडियो को सेव करो। अगले पार्ट में जानेंगे उनके लीडरशिप के वह उसूल जो सबको सीखने चाहिए। सत्य नडेला सिर्फ एक सीईओ नहीं है। वह एक लीडरशिप स्कूल है। उनकी तीन सबसे बड़ी सीखें। वन बी अ लर्न एट ऑल नॉट अ नो एट ऑल। दो एमथी इज पावर। सहानुभूति से टीम चलती है। तीन इनोवेशन को रोकना नहीं बढ़ावा देना चाहिए। उनकी किताब हिट रिफ्रेश में उन्होंने बताया जब आप दूसरों को ग्रो करते देखते हो तो वहीं से आपकी असली लीडरशिप शुरू होती है और शायद इसी सोच ने उन्हें दुनिया के सबसे पसंदीदा सीईओस में गिना है। अगर आप भी लीडर बनना चाहते हो तो सत्य नडेला से सीखो। सीखते रहो, बढ़ते रहो। सीरीज को शेयर करो और कमेंट में लिखो। सीखना बंद नहीं करना। फॉलो करो हिंदी मीडियम इंटरनेट यूनिवर्सिटी को और बनो अगले दौर के डिजिटल लीडर…